यदि आप चाहते हैं कि आपके दांत लंबे समय तक टिके रहें तो 6 नियमों का पालन करें
यदि आप अपने दांतों की देखभाल नहीं करते हैं और अपने मौखिक/ओरल स्वास्थ्य का ठीक से प्रबंधन नहीं करते हैं, तो आप अपने डेंटल ट्रीटमेंट में हजारों रूपए खर्च कर सकते हैं। क्या आप जानते हैं कि फुल माउथ ट्रीटमेंट की लागत Rs 45,000 और Rs 1,00,00,000 के बीच हो सकती है?
प्रिवेंटिव/Preventive (निवारक ) दंत चिकित्सा का अभ्यास करके, आप इन अत्यधिक दंत चिकित्सा लागतों से खुद को सुरक्षित कर सकते हैं।
प्रिवेंटिव दंत चिकित्सा दांतों की सड़न और अन्य दंत रोगों और स्थितियों को रोकने के लिए चल रही स्वच्छता प्रक्रियाओं और दैनिक देखभाल के महत्व पर जोर देती है।
रोकथाम दंत चिकित्सा
RULE 1 : ब्रश और ब्रशिंग
1. रात को सोने से पहले ब्रश जरूर करें उसके बाद कोई भोजन या ड्रिंक्स न लें ।
2. सॉफ्ट ब्रिसल वाले ब्रश का ही इस्तेमाल करें ।
3. सही तकनीक का उपयोग करें ।
4. ब्रश के ब्रिसल अगर दूर दूर हो रहे हो यह बाहर के तरफ निकलना सुरु कर दिया हो तो एक नया सॉफ्ट ज़िग जैग ब्रश ले आमतोर पर ब्रश बदलने का समय 3 महीने के बाद ।
5. ज़्यदा ब्रशिंग भी नुक्सानदयाक हो सकती हे । प्रतिदिन बस एक बार रात को सोने से पहले बस ।
6. ब्रश को पीछे के दांतो में भी करें , पीछे के दांत आगे के दांतो के मुकाबले ज्यादा ज़रूरी हे उनका ध्यान रखेंगे तो वह ज्यादा साल चलेंगे और आप बाकि बीमारियों से भी बचेंगे , क्यूंकि आप खाना को चबा चबा के खा पाएंगे ।
7. अपने बच्चो को पहले ब्रश करना सिखाएं और सही तकनीक से ब्रश करने के लिए ज़ोर दे ।
8. इलेक्ट्रिक ब्रश से ज़्यदा मैन्युअल हैंड ब्रश फयदेमंद होता हे , इलेक्ट्रॉनिक ब्रश के पीछे न भगे ।
9. जितनी जल्दी हो सके अपने बच्चे को ब्रशिंग करना सिखाएं और उसे खुद करने दे, जैसे ही आपके बच्चे का पहला दांत निकलता है, रोजाना दांतों की सफाई शुरू करें ।
RULE 2. टूथपेस्ट
1. हमेशा फ्लोरिड रहित टूथपेस्ट का इस्तेमाल करे
मार्किट में इतने ब्रैंड्स हे , आपको फ्लोरिड रहित टूथपेस्ट ही इस्तेमाल करना हे ।
2. टूथपेस्ट हमेशा मूंगफली के दाने जितना साइज का ही टूथपेस्ट ब्रश में लें, टीवी में दिखाए जाने वाले कमर्शियल की तरह नहीं । याद रखें उनका काम हे ज्यादा से ज्यादा लोग टूथपेस्ट खतम करें और नया ले , इसलिए हमे उनके बहकावे में नहीं आना, हमेसा मूंगफली के दाने जितना ही टूथपेस्ट ले ।
3. ज्यादा अब्रेसिव, झाग वाला, चारकोल , ज्यादा नमक , रेड पेस्ट , रेड पाउडर जैसे टूथपेस्ट कमर्शियल के बहकावे में न आये। याद रखे फ्लोरिड रहित 1000 पीपीएम टूथपेस्ट का ही इस्तेमाल करे ।
4. आयुर्वेदिक हो य नॉर्मल टूथपेस्ट हो बस फ्लोरिड होना जरूरी हे ।
5. सेंसिटिविटी गरम और ठंडा लगने से बचने के लिए बड़े सारे सेंसिटिविटी टूथ पेस्ट मार्किट में हे जैसे, सेंसोडाइन रैपिड रिलीफ, इमोफोर्म, सेंसोफॉर्म अन्य और ब्रांड , जब भी किसी दांत में झनझनाहट का एहसास हो , इन डीसेंसिटाईज़िंग टूथपेस्ट का इस्तेमाल करे। और ज़्यदा ठंडा और गरम खान पान से बचे ।
6. 5 साल से छोटे बच्चे हे , उनके लिए 5०० पीपीएम वाले फ्लोरिड टूथपेस्ट का इस्तेमाल करे; 6 साल से ऊपर वाले बच्चे नार्मल फ्लोरिड टूथपेस्ट कर सकते हे ।
RULE 3. माउथवाश
मुँह में प्लाक हर चौबीस घंटो में जम जाता हे , अगर आप प्लाक हटयगे , नहीं तो प्लाक जमते जमते सख्त हो जाता हे और कैविटी और मसूड़ों की बीमारी पैदा करता हे ।
प्लाक न जमे इसके लिए
1. कलोरोहेक्सिडिन माउथवाश का 1:1 के रेश्यो में माउथवाश करे , जितना पानी उतना कलोरोहेक्सिडिन माउथवाश, फिर खाने के बाद दिन में एक बार सोने से पहले, मुह् में एक मिनट तक चरो और मुँह मैं घुमाते हुए थूक दे, ऐसा आप दो से तीन बार करे
कलोरोहेक्सिडिन माउथवाश प्लाक को न जमने में मदद करेगी और कैविटी और मसूड़ों की कई बीमारियों से आपको बच्येगी
याद ये रखे की , कलोरोहेक्सिडिन माउथवाश का एक साइड इफ़ेक्ट हे की नियमित इस्तेमाल से ये आपके दांतो में ब्राउन स्टैन कर देता हे , तो फिर कैसे करे ?
एक हफ्ता इस्तेमाल करे , फिर 14 दिन बंद कर दे , फिर एक हफ्ता इस्तेमाल करे इसी प्रकार इस्तेमाल करे।
2. गुन गुने पानी में चुटकी भर नमक डाल के माउथवाश करे, आपको हर बार खाने के बाद दो से तीन कुल्ला करना हे ।
3. बीटाडीन 2 % माउथवाश 1:1 के रेश्यो में माउथवाश करे, खाने के बाद दो से तीन बार कुल्ला करना हे ।
RULE 4. फ्लॉस
दांत के बाहर के ऊपर के सरफेस को तो आपने टूथब्रश , माउथवाश से साफ़ कर दिया लेकिन उन जगाओ को कैसे साफ़ करेंगे जो दो दांतो के बीच हे ? जहाँ खाना फस जाता हे, वहां आपको फ्लॉस का इस्तेमाल करना हे
1. बहुत से वैक्स्ड फ्लॉस जैसे की ओरल-ब, कोलगेट, थर्मोसील, कई अन्य फ्लॉस ब्रांड महसूर हे , वैक्स्ड फ्लॉस बहुत आसानी से दांतो के बीच की जगह को साफ़ करते हे और दांत के बीच होने वाली कीड़े लगने की आम समस्या से आपको बचाता हे।
आजकल फ्लॉस एक फ्लॉस होल्डर में भी आपको मिल जायेगा।
आप देखोगे बहुत से सेलिब्रिटी , फॉरेनर अपने पास बस कुछ रखे न रखे फ्लॉस ज़रूर रखते हे , क्यूंकि उनको पता हे दांतो के बीच एक बार कीड़ा लग जाये तो कितनी परेशानी होती हे और कितना पैसा खर्च करना पड़ता हे।
2. आजकल और भी इंटरडेंटल क्लीनिंग करने के उपकरण आ गए हे जैसे की इंटरडेंटल ब्रश , इंटरडेंटल टूथपिक्स बड़ी कारीगर हे
थर्मोसील , डॉ रेड्डी , टेपे (tepe) इंटरडेंटल ब्रूशेस , इंटरडेंटल टूथपिक में डॉ तुंग पेरिऑस्टिक (dr Tung s periosticks) , डॉ बर्मन्स टूथपिक कई मार्किट, ऑनलाइन साइट्स में उपलब्ध है
RULE 5. खान पान को सुधारे
1. शुगर य शुगर से बनी चीज़ो (बिस्किट्स, केक, वेफर, चाय, कॉफी, दूध, चॉक्लेट्स, ब्राउनी, मिठाई, एरेटेड ड्रिंक्स - कोकाकोला तम्ब्सप लिम्का पेप्सी माज़ा अन्य चीनी से बानी चीज़े ) से जितना हो सके बचे , चिप चिप चीज़ो (नमकीन, चिप्स, पिज़्ज़ा, बर्गर, मैदा वाली चीज़े) से बचे, दूद से बचे विशेष रूप से रात में, ये सब आपके दांतो में फेविकोल की तरह चिपक जाती हे और दांतो में कीड़े पैदा करने में सहायक होती हे खासकर यदि आप सोने से पहले खाते य पीते हैं और ब्रश नहीं करते हैं
2. जब आप लगातार स्नैक या शक्कर पेय पीते हैं, तो आप मुंह के बैक्टीरिया को एसिड का उत्पादन करने के लिए अधिक ईंधन देते हैं जो एसिड आपके दांतों पर हमला करते हैं और दांत गला देते हैं। और दिन भर में सोडा या अन्य एसिडिक पेय पीना आपके दांतों पर एक निरंतर एसिड बनाने में मदद करता है।
3. बेडटाइम शिशु आहार। जब शिशुओं को दूध, फार्मूला, जूस या अन्य शक्कर युक्त तरल पदार्थों से भरी बोतलें दी जाती हैं, तो ये पदार्थ उनके दांतों पर घंटों तक रहते हैं, जब वे सोते हैं, तो दांत कैविटी पैदा करने वाले बैक्टीरिया का खाना बन जाता हैं और धीरे धीरे दांत को गला देता हे । इस कैविटी को अक्सर बेबी बोतल टूथ (नर्सिंग बोतल कैरीज़ ) कहा जाता है।
भले ही आप ये सब लें
कृपया तुरंत ब्रश और माउथवॉश करें
4.खाने के विकार, कई दवाई लार उत्पादन में हस्तक्षेप कर सकते हैं। लार मुंह में एसिड को बेअसर करता है, सलीवा/लार खाने से एसिड और खाने के अवशेषों को धोता है। जब एसिड इनेमल को नुकसान पहुंचाता है, तो लार एक प्रक्रिया में दांत की सुरक्षात्मक सतह की मरम्मत करता है जिसे रिमिनरीलाइज़ेशन कहा जाता है।
5. ज़्यदा ध्यान आप फाइबरौस खाने में जोर दे जैसे कैराट, फल, सब्ज़ीज़िया, ये स्वयं सफाई हो जाते हे, चिपकती नहीं, और गुड बैक्टीरिया को उबारती हे, अपने बच्चो को भी सिखाये।
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